दोस्तो आज जहाँ गाँव से भागकर लोग शहरो में पैसे कमाने जाते हैं क्या आपने सोचा है शहरो से ज्यादा गाँव में ही बिजनेस कमाने के कई तरीके हैं क्योकि आप यहाँ खुद से ही कुछ भी शुरू कर सकते है लेकिन शहरो में आप कुछ भी नही कर सकते है जैसे – पशुपालन , डायरी खोलना, भैंस पालन आदि ।

लेकिन शहर का कौन सा ऐसा काम है जो गाँव में नही हो सकता है मुझे नही लगता कि कोई ऐसा काम होगा लेकिन फिर भी लोग गाँव छोड़कर शहर में जाते है। अब जैसा की हमसब जानते हैं कि भारत में ज्यादातर किसान अतिरिक्त आमदनी के लिये खेती के साथ-साथ गाय और भैंसपालन भी करते हैं। इसके जरिये उन्हें अच्छी मात्रा में दूध मिल जाता है और उस बेचकर वे अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर लेते हैं। 

अगर बेहतर प्रजातियों की बात की जाए तो भारत में गाय और भैंस की कई दुधारी प्रजाति पाई जाती है।  इनमें भैंस की मुर्रा नस्ल दूध उत्पादन के लिये सबसे उत्तम जानी जाती है। मुर्रा भैंस का साइंटिफिक नाम बुबालस बुबालिस है। इस भैंस को हरियाणा में काला सोना कहा जाता है अगर बात करें भैंस की मुर्रा नस्ल से आय के बारे में तो इस समय भारत के ज्यादातर इलाकों में पशुपालक इसका दूध को बेचकर अच्छी कमाई कर रहे है। 

मुर्रा भैंस ही क्यों खरीदें  ?

यह भैंस की सबसे लोकप्रिय नस्ल है, जो पूरे विश्व में प्रचलित है। जो कि हरियाणा के रोहतक, हिसार और जींद जिले के साथ-साथ पंजाब के पटियाला और नाभा में मुख्य रूप से पाई जाती है। यह काले रंग की भैंस से एक ही व्यांत में 1600-1800 लीर दूध उत्पादन हो जाता है। इस भैंस का वजन 650 kg के आसपास तक होता है। 

जानकारी के लिये आपको बता दें कि भैंस की इस नस्ल में काफी खूबियाँ हैं ।इस भैंस की ऊंचाई 4.7 फीट तक होता है। इस भैंस के प्रसिद्धि के पीछे उसके दूध में वसा का ज्यादा प्रतिशत होना है। मुर्रा भैंस के दूध में वसा की 7 फीसदी मात्रा पाई जाती है। मुर्रा नस्ल को जल्दी पचने वाले चीजें और फलीदार चारा खुराक के रूप में दिया जाता है। हालाकिं अच्छे दूध उत्पादन के लिये मक्की, गेहूं, जौं, जई और बाजरा के दानों के साथ-साथ तेल बीजों की खल खिलाई जाती है। 

मुर्रा नस्ल की यह भैंस पूरी तरह साफ-सफाई से रख-रखाव चाहती है जिसकी इन्हे सख्त जरूरत होती है। ये नस्ल दिनभर में 15 से 18 लीटर दूध देती है। 

देखभाल से कैसे  होगा आपको फायदा :-

देखा जाए तो भैंस चाहे किसी भी नस्ल की हो, उसकी जितनी अच्छी देखभाल रहेगी, पशुपालक उतना ही ज्यादा लाभ ले पायेंगे। 

जैसा की हमने आपको बताया की मुर्रा भैंस की नस्ल दिनभर में 15-18 लीटर दूध देती है। इसलिये इसके पोषण को ध्यान रखते हुए इसे संतुलित दाना देना बहुत जरूरी होता है। 

अच्छे दूध उत्पादन के लिये मुर्रा भैंस के स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। इसीलिए समय-समय पर पशुचिकित्सकों को दिखाना पशु तथा पशुपालक दोनों के लिए बेहतर रहता है। 

दूसरे पशुओं की तरह मुर्रा भैंस को भी रहने के लिये आरामदायक बाड़े की जरूरत पड़ती है। जिससे कि भैंस को सर्दी, गर्मी और बारिश की मार से बचाया जा सके। 

बाड़े में साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है। मच्छरों का प्रकोप होने पर बाड़े में मच्छरदानी भी लगा सकते हैं।  बेहतर स्वास्थ्य वाली भैंस आपको अच्छा दूध उत्पादन करके देगी। 

लेकिन बरसाती मौसम में पशुओं को खुरपका-मुंहपका और गलघोंटू रोगों की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बचाव के लिये उन्हें समय-समय पर टीके लगवायें और पेट की कीड़े की दवा देते रहें। 

मुर्रा भैंस की खरीद और आमदनी

मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होती है. कई किसान और पशुपालक ये भैंस खरीदकर डेयरी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। मुर्रा भैंस की खरीद के लिये कई राज्य सरकारें आर्थिक अनुदान भी दे रही हैं। सब्सिड़ी लागू होने के बाद मुर्रा भैंस को 50,000 रुपये में खरीदा जा सकता है।  भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रीय गोकुल मिशन और पशु किसान क्रेडिट कार्ड पर पशुओं की खरीद के लिये सब्सिडी दी जा रही है। 

मुर्रा भैंस कितने दिनों के बाद बच्चे को जन्म देती है?  

मुर्रा भैंस की आयु लगभग 26 सालों की होती है। लगभग 6 सालों में पहले बच्चे को जन्म देती है। पहले और दूसरे बच्चों में लगभग 2 सालों का गैप होता है। 

पशुपालक मुर्रा भैंस के बच्चों को बेचकर भी काफी मोटी कमाई कर लेते हैं । जिससे आगे खरीदने और बेचने वाले दोनों को फायदा होता है 

अब गाय-भैंस ऑनलाइन खरीदें –

अब आपको मुर्रा भैंस तथा कई प्रजाति की भैंसों  को खरीदने के लिए किसी मेले में जाने या किसी अन्य राज्यों से लाना /मंगवाना नहीं पड़ेगा। आप घर बैठे ही अच्छी नस्ल की गाय-भैंस की खरीद सकते हैं। Merapashu360 के वेबसाइट या एप पर आपको 50 हजार से लेकर लाखों रुपए तक की गाय-भैंस खरीदने को मिल जाएगी। इस एप पर कई लोगों के लगातार सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही है जिससे लोग काफी खुश और संतुष्ट भी हैं। 

यहाँ मुर्रा भैंस काफी कम कीमत पर उपलब्ध हो जाती है,भैंस ऑनलाइन ऐप के बारे में कई लोगों ने कहा की ऑनलाइन बेचने में सुविधा भी है। 

Merapashu360 एप के जरिए पशु को जगह-जगह जाकर ढूँढना नहीं पड़ता है। उसका पूरा बायोडटा कितना दूध देती है और भैंस किस नस्ल की है, वहाँ दिया गया है जिससे काफी सुविधा होती है।

 देखा जाए तो अभी तक पशुपालन से जुड़े किसान इनकी खरीद और बिक्री के लिए पशु मेले जैसे पारंपरिक मंच पर ही  निर्भर थे, लेकिन अब वह घर बैठे ही उनकी खरीद-बेच कर रहे हैं। ऑनलाइन पशुओं की खरीद-बिक्री के प्रति यह ट्रेंड यूपी, बिहार,हरियाणा,आंध्र प्रदेश व पंजाब आदि कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में गाय और भैंस की ऑनलाइन खरीद- बिक्री के लिए लोग आगे बढ़ रहे हैं।

साथ ही कुछ लोगों ने बताया पहले गाय-भैंस को खरीदने के लिए पशु मेले में जाना पड़ता था, उसके बाद अगर उसमें कोई दिक्कत हो जाए तो उसका मालिक भी नहीं मिलता है। 

ऑनलाइन खरीद में बेचने वाले का नंबर और उसका सारा विवरण भी रहता है जिससे यह काफी आसान और भरोसेमंद रहता है ।

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